आज हम एक और घोषणा के साथ आपके समक्ष उपस्थित हैं। हर 5,000 रचनाओं के जुड़ने को कविता कोश में एक मील का पत्थर माना जाता है। आज मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कविता कोश ने इस तरह के तीन मील पार कर लिये हैं और अब कोश में 15,000 काव्य रचनाओं का एक विशाल संकलन निर्मित हो चुका है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अब कविता कोश अपने बालपन में नहीं रहा बल्कि अब यह यौवन की सुदृढ़ता को पा चुका है। कविता कोश एक लोकप्रिय कोश होने के साथ-साथ एक ऐसी परियोजना भी बन चुका है जिसकी ओर हिन्दी साहित्य जगत आशा और गर्व भरी निगाहों से देखता है।
मैं इस अवसर उन सभी योगदानकर्ताओं को कविता कोश के सभी पाठकों की ओर से धन्यवाद देना चाहूँगी जिनके सहयोग से कोश यहाँ तक आ सका है। ऐसे योगदानकर्ताओं की सूची काफ़ी लम्बी है इसलिये मैं यहाँ सभी का नाम नहीं लूंगी। कविता कोश के विभिन्न पन्नों पर इन योगदानकर्ताओं के सहयोग की छाप आप प्रतिदिन ही देख पाते होंगे। जो लोग अभी तक इस परियोजना के विकास में सहयोग नहीं दे सकें हैं उनसे अनुरोध है कि आप भी इसमें योगदान करें। सामूहिक प्रयत्न के कारण ही हम सभी को कविता कोश जैसा संकलन आज सुलभ हुआ है।
ऐसे किसी भी अवसर पर कविता कोश के संस्थापक तथा कविता कोश टीम को नहीं भूला जा सकता। इस समय मैं कोश के संस्थापक श्री ललित कुमार जी और टीम के सभी वर्तमान और पूर्व सदस्यों को हार्दिक धन्यवाद देती हूँ। आपके मार्गदर्शन, श्रम और सहयोग के बिना कविता कोश विकसित नहीं हो सकता था। टीम के वर्तमान सदस्यों श्री अनिल जनविजय जी, श्री द्विजेन्द्र द्विज जी, श्री अनूप भार्गव जी और श्री कुमार मुकुल जी ने इस तीसरे मील को पार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आप सभी को धन्यवाद।
जब आप मेरा यह संदेश पढ़ रहे होंगे तब तक कोश ने चौथे मील की राह पर चलना आरम्भ भी कर दिया होगा। आशा है कि जल्द ही मैं आपको यह चौथा मील भी पार कर लिये जाने की सूचना दूंगी।
प्रतिष्ठा शर्मा
प्रशासक, कविता कोश टीम
जनवरी 25, 2009 को 4:36 पूर्वाह्न |
5,000 रचनाओं के जुड़ने की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं……ऐसे ही प्रगति के मार्ग पर कविता कोष चलती रहे।
जनवरी 25, 2009 को 5:00 पूर्वाह्न |
बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
जनवरी 25, 2009 को 6:02 पूर्वाह्न |
बहुत बधाई काव्यकोष को, अन्तरताना धन्य.
बढे प्रतिष्ठा हिन्दी की, तो हिन्दुस्थान है धन्य.
हिन्दुस्थान हो धन्य, दिली कामना है सबकी.
आपके संग जुङ गई, दिव्य भावना है सबकी.
कह साधक कविराय,यहीं ना रुकना भाई.
और बढाओ गुणवत्ता, लो बहुत बधाई.
जनवरी 25, 2009 को 6:36 पूर्वाह्न |
बहुत बधाई.
शुभकामनाऐं..
जनवरी 25, 2009 को 7:35 पूर्वाह्न |
कविता कोष के 15000 का आँकड़ा पार करने पर कविताकोष के सभी सदस्यों को बधाई। भाई अनिल जनविजय, ललित जी, और द्विज भाई सहित सभी टीम सदस्य बधाई के पात्र हैँ।
जनवरी 25, 2009 को 9:19 पूर्वाह्न |
hardik badhai
जनवरी 25, 2009 को 2:50 अपराह्न |
प्रस्तुति के लिए आभार
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सादर
द्विजेन्द्र द्विज
http:/www.dwijendradwij.blogspot.com/
फ़रवरी 4, 2009 को 8:59 पूर्वाह्न |
निश्चय ही कविता कोश ऐसे अनगिनत मील के पत्थर पार करेगा.